शनिवार, 9 मई 2020

मजदूर की बात जिंदगी के साथ

लगातार बढ़ रहे lockdown में गरीबो का सब्र ने भी अब उबाल मार लिया।
देश में lockdown starting के समय मजदूरों ने पलायन घरों की ओर किया और पैदल ही चल पडे 1200-1300km के सफर पर कहीयो ने जिंदगी को अलविदा कह दिया, तो कहीयो ने जिंदगी को डॉक्टर के हवाले कर दी।

लोकडाउन लगाना क्यों पड़ा?
जब से covid19 नाम की बीमारी से जानकारी हुई है तब से दुनिया में खोफ का माहौल बन गया है लोगों को फिर से लगने लगा है कि जिंदगी की कीमत पैसौ से नहीं आंकी जा सकती है, चीन से covid19 का संक्रमण शुरू होने के बाद ये बीमारी दुनिया के हर कोने में पहुंच गई। फिर हर देश के राज नायको को अपनी जनता के लिए फिक्रमंद होना पड़ा और लोगों को जनता कर्फ्यू के साथ ही लोकडाउन कर दिया गया।

Lockdown की अवधि 
मोदी सरकार ने जनता कर्फ्यू के बारे में जानकारी देते ही कुछ राज्य सरकारों ने लोकडाउन का फरमान जारी कर दिया। फिर मोदी सरकार ने 24 मार्च को देश व्यापी लोकडाउन का ऐलान करते हुए 21 दिन का लोकडाउन लगा दीया।
लोकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने वाला था कि देश के प्रधानमंत्री ने लोकडाउन को 3 मई तक बढाते हुए lockdown 2.0  का ऐलान कर दिया।
लोकडाउन की अवधि खत्म होने कि कगार पर पहुंचती, उससे पहले ही 1 मई को केन्द्र सरकार ने लोकडाउन के तीसरे चरण का ऐलान करते हुए lockdown 3.0 को 17 मई तक बडा़ दिया............

Lockdown की धज्जियां क्यों उड़ाई ?
लोकडाउन के 1st चरण में लोकडाउन कि धज्जियो कि खबर दिल्ली से ज्यादा आई पहले 2-3 दिन मजदूरों की घर वापसी के लिए सडकों पर आना।
फिर तबलिकी जमात   द्वारा आयोजित कार्यक्रम के द््वारा लोकडाउन की धज्जियाँ उड़ना शुरुआती कदम थे lockdown  धजिया  के। 
फिर देश के अलग अलग जगह से lockdown की बढती अवधि के साथ मजदूरों ने अपने गावों के रास्ते खोजने तैयार कर लिये। जब मजदूरों को सडकों से नहीं आने दिया तो रेल की पटरी का सहारा लेना पड़ा। 

➡️फिर राज नायको ने सबसे बड़ा फैसला लिया हमारी जिंदगी से खेलने का फैसला। 
लोकडाउन के सारे नियम फैल करके शराब के ठेके खोलने के आदेश दिया और 70%टैक्स बड़ा कर राज्य सरकारें कमाई करने लग  गई।
👉1.क्या शराब के ठेके पर संक्रमित होने का खतरा नही है ?
👉2.क्या शराब पीने से कोरोना नही होता?
👉3.क्या राज्य सरकारों के पास कमाई का एक मात्र स्रोत शराब है?
इन सवालों के जवाब देने से पहले आपको बताते चलें कि राज्य सरकारों ने बार्डर को सील करना वापिस शुरू कर दिया।


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