बुधवार, 30 अक्टूबर 2019

नोबेल पुरस्कार 2019 with ditele

 नोबेल पुरस्कार 2019 

नोबेल फाउंडेशन द्वारा साल 2019 के लिए सभी नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा की जा चुकी है। कुल 15 लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार दिया गया है। अब 10 दिसंबर को होने वाले समारोह में इन सभी शख्सियतों को मेडल व पुरस्कार राशि से नवाजा जाएगा।
चिकित्सा (medicine), रसायनशास्त्र (chemistry), भौतिकशास्त्र (Physics), साहित्य (literature), अर्थशास्त्र (economics) और शांति (peace) के क्षेत्र में इस बार किन लोगों को नोबेल पुरस्कार से नवाजा जा रहा है, इसकी पूरी सूची हम आपको आगे दे रहे हैं। ये भी बता रहे हैं कि उन्हें उनके किस काम के लिए नोबेल दिया जा रहा है।


चिकित्सा

चिकित्सा के क्षेत्र में अमेरिका के विलियम केलिन, ग्रेजग सेमेंजा और ब्रिटेन के पीटर रैटक्लिफ को संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है। इन्होंने ऑक्सीजन की उपलब्धता समझने और उसके अनुकूल बनने की कोशिकाओं की क्षमता तलाशी। इससे कैंसर के इलाज के नए तरीके ढूंढने में मदद मिलेगी।



रसायनशास्त्र (Chemistry)

इसके लिए इस साल जॉन बी गुडएनफ, स्टैनली विटिंघम और अकीरा योशिनो को नोबेल मिलेगा। तीनों ने मिलकर लिथियम आयन बैटरी विकसित की थी। इन बैटरियों का इस्तेमाल आज अंतरिक्ष से लेकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों व रोजमर्रा की चीजों में भी बड़े स्तर पर हो रहा है। 



भौतिकशास्त्र (Physics)

कनाडा-अमेरिका के जेम्स पीबल्स, स्विट्जरलैंड के माइकल मेयर और डिडियर क्वे डिडियर क्वेलोज लोज को इस क्षेत्र का नोबेल दिया जाएगा। इन्होंने अपने काम के जरिए दुनिया को समझाया कि बिग बैंग (Big Bang) के बाद ब्रह्मांड का विकास कैसे हुआ।


साहित्य (Literature)

2019 और 2018 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार की घोषणा एक साथ की गई। 2019 का पुरस्कार पीटर हैंडके को दिया जाएगा जो आस्ट्रियाई मूल के लेखक हैं। पीटर को भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए ये पुरस्कार मिलेगा। जबकि लेखिका के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका निभाने वाली ओल्गा टोकारजुक को 2018 का साहित्य का नोबेल दिया जाएगा।



शांति (Peace)

इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को शांति का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। यह पुरस्कार उनके देश के चिर शत्रु इरिट्रिया के साथ सीमा संघर्ष सुलझाने के लिए दिया जाएगा। 




अर्थशास्त्र (Economics)

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डफ्लो और माइकल क्रेमर को 'वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग' के उनके शोध के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने का एलान किया गया।
अभिजीत बनर्जी फिलहाल मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। उन्होंने 1981 में कोलकाता यूनिवर्सिटी से बीएससी, 1983 में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से एमए, फिर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। वह और उनकी पत्नी डफ्लो अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के सह-संस्थापक भी हैं।

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