मंगलवार, 16 जून 2020

आवास

य योजना है प्रधानमंत्री आवास योजना। इसे PMAY के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना का मुख्‍य आकर्षण इससे मिलने वाली सब्सिडी है। योजना के अंतर्गत पहली CLSS या क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी की राशि 2 लाख 60 हजार रुपए है। इसे हासिल करने की क्‍या प्रक्रिया है, आइये समझते हैं।
यह है योजना का मकसद

केंद्र सरकार ने देशवासियों को स्‍वयं का पक्‍का घर दिलाए जाने के मकसद से प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत जो लोग पहली बार घर खरीद रहे हैं, उन्‍हें होम लोन पर ब्याज सब्सिडी दी जाती है। होम लोन के ब्याज पर कमजोर आय वर्ग के लोग 2.60 लाख रुपये का सीधा लाभ मिलता है। इस केंद्रीय योजना का लाभ उठाने के लिए अलग-अलग नियम एवं शर्तें हैं।

लोन के फार्म में देना होंगी ये जानकारियां

PMAY का लाभ लेने के लिए आवेदक को NBFC में आवेदन करने की जरूरत होगी। यहां से जो फार्म प्राप्‍त होगा उसमें अपनी डिटेल भरकर भेजना होगी। इन जानकारियों में वार्षिक आय, निवेश, संपत्ति, सह-आवेदक आदि के संबंध में महत्‍वपूर्ण जानकारियां देना होती हैं। आवेदक को अपना आधार नंबर और नाम भी दर्ज करना होगा। उसकी समस्‍त जानकारी सत्‍यापित होने के बाद फॉर्म भरा जा सकता है। आवेदन के फार्म में आवेदक का नाम, आय, परिवार के सदस्यों की संख्या, पता, कॉन्टेक्ट नंबर, परिवार के मुखिया की आयु, धर्म, जाति आदि की जानकारी भरकर देना होती है।

EWS, LIG, MIG के लिए इतनी सालाना आय होना जरूरी

प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए EWS कैटेगरी के आवेदकों की सालाना आय 3 लाख रुपए से कम होना चाहिये। LIG श्रेणी के लिए सालाना आय 6 लाख रुपए तक होना चाहिये और MIG एमआईजी वर्ग के लिए यही राशि 12 लाख रुपए वार्षिक होना चाहिये।

इन चार इंकम ग्रुप में मिलती है सब्सिडी

इस योजना में दी जाने वाली सब्सिडी का विभाजन अलग-अलग आय के चार समूहों में किया गया है। इनमें EWS, LIG और MIG शामिल हैं। इनका अर्थ क्रमश: आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग, लाइट इंकम ग्रुप और मीडियम इंकम ग्रुप है। जो भी आवेदक PMAY प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेना चाहता है, उसे इन इंकम ग्रुप्‍स की पात्रता पूरी करना जरूरी है।

सब्सिडी के लिए यहां से करें फार्म को Download

प्रधानमंत्री आवास योजना की सब्सिडी प्राप्‍त करने के लिए आवेदन फॉर्म आधिकारिक वेबसाइट https://pmaymis.gov.in/ से डाउनलोड किया जा सकता है। इस फॉर्म को 'सिटीजन असेसमेंट' टैब के अंतर्गत 'बेनिफिट फॉर अदर 3 कंपोनेंट्स' पर Click करके Online Access किया जा सकता है।

आवेदक इस तरह अपना नाम चेक करें

PMAY ग्रामीण सूची

- सबसे पहले rhreporting.nic.in/netiay/Benificiary.aspx वेबसाइट खोलें।

- यदि आपके पास रजिस्ट्रेशन नंबर है तो यहां वह नंबर डालें और Click करें। इसके बाद डिटेल सामने आ जाएगी।

- अगर आपके पास रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है तो ‘एडवांस सर्च’ पर जाकर Click करें।

- सामने नज़र आने वाले फार्म को भरें और इसके बाद सर्च ऑप्‍शन पर Click करें।

- यदि आपका नाम PMAY-G की सूची में शामिल है तो आपको सारी डिटेल नज़र आएगी।

PMAY शहरी सूची

- सबसे पहले आप PMAY की आधिकारिक वेबसाइट pmaymis.gov.in पर जाएं।

- यहां पर आपको बेनेफिशियरी सर्च मेन्यू नज़र आएगा। यहां आप ‘सर्च बाय नेम’ पर क्लिक करें।

- अपने नाम के शुरुआती 3 अक्षर लिखें और ‘Show’ बटन पर क्लिक करें। यहां आपको PM आवास योजना की पूरी सूची नज़र आएगी।

इन नियम व शर्तों का रखें ध्‍यान

1. यदि आवेदक के नाम पर अथवा उसके किसी भी परिजन के नाम पर अन्‍य कोई अचल पक्‍की प्रापर्टी है तो वह आवेदन के लिए अपात्र होगा। उसके परिजन के नाम पर यदि पूरे देश में कहीं कोई पक्‍का मकान है तो वह इस PMAY के लिए पात्रता नहीं रख सकता। उसका आवेदन खारिज कर दिया जाएगा।

2. यदि आवेदनकर्ता महिला है एवं वह अपने परिवार की मुखिया होने के साथ ही कमाने वाली महिला है तो उसे इस योजना के क्रियान्‍वयन में प्राथमिकता दी जाएगी।


national coronavirus

सोमवार, 1 जून 2020

राजस्थान govt की योजनाएं

राजस्थान संपर्क पोर्टल

राजस्थान संपर्क जहां राज्य के किसी भी नागरिक को उसकी / उसके संबंधित सरकारी विभागों को शिकायतों दर्ज कर सकते हैं एक केंद्रीकृत मंच के साथ नागरिकों को प्रदान करने की दिशा में करना है। यह मुख्य रूप से एक राज्य स्तरीय एकीकृत वेब पोर्टल है जो संबोधित करने और विभिन्न नागरिक केन्द्रित प्रश्नों और सरकारी सेवाओं से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए संपर्क का एक बिंदु के रूप में कार्य करेगा के साथ कॉल सेंटर के होते हैं। उपयोगकर्ता इस पोर्टल की मदद से ऑनलाइन फाइल और लॉज शिकायतों कर सकते हैं।

राजस्थान में ऑनलाइन बिजली बिल जमा करें

  •   पूरी तरह से ऑनलाइन
  •  

उपयोगकर्ता राजस्थान में ऑनलाइन बिजली बिल जमा कर सकते हैं

राजस्थान में जन्म प्रमाण पत्र हेतु अस्पताल पंजीकरण

  •   पूरी तरह से ऑनलाइन
  •  

राजस्थान में जन्म प्रमाण पत्र हेतुअस्पताल पंजीकरण किया जा सकता है

  • यहां भी उपलब्ध है   
    पंजीकरण आवश्यक   
  • अधिक

राजस्थान में जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करें

  •   आंशिक रूप से ऑनलाइन
  •  

राजस्थान में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रपत्र दिया गया है। आवेदक प्रपत्र को डाउनलोड कर आगे भी उपयोग कर सकते हैं । प्रपत्र भरने के लिए निर्देश उपलब्ध हैं।

राजस्थान में मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन प्रपत्र

  •   आंशिक रूप से ऑनलाइन
  •  

राजस्थान में मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रपत्र दिया गया है। आवेदक प्रपत्र को डाउनलोड कर आगे भी उपयोग कर सकते हैं। प्रपत्र भरने के लिए निर्देश उपलब्ध हैं।

राजस्थान के विभिन्न विभागों के संबंध में शिकायत दर्ज कराएं

  •   पूरी तरह से ऑनलाइन
  •  

राजस्थान सरकार के अधीनस्थ विभिन्न विभागों और संगठनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं। आप ऑनलाइन फार्म भरकर ताजा शिकायत दर्ज करा सकते हैं। दर्ज कराई गई शिकायत पर हुई कार्रवाई की जानकारी लेने, पहले से दर्ज शिकायत को लेकर स्मरण संदेश भेजने, शिकायत का पंजीयन क्रमांक जानने, शिकायत का कूटशब्द बदलने आदि की सुविधा भी यहां उपलब्ध हैं।

बुधवार, 13 मई 2020

20 लाख करोड़ मे हमारा हिस्सा

देश में कोरोना की महामारी का प्रकोप जो छाया हुआ है
उसकी आप से चर्चा लगातार होती रहती है, आज बात कोरोना से मिली तंगी पर नही करेंगे, बात तो मोदी सरकार ने जो ऐलान किया है कि GDP का लगभग 10% कोरोना राहत के लिए लगायेंगे!

मोदी सरकार ने देश की जनता (मजदूरों) को लगातार बैक फुट पर रखा, ये हम नही कोरोना महामारी से पहले आई बेरोजगारों की रिपोर्ट बता रही हैं कि देश में पिछले 45 साल की सबसे बड़ी बेरोजगारी है, अब कोरोना आ गया है तो आपको इसके दुरगामी परिणाम दिख जायेंगे|
बात उन मजदूरों की कर रहे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन हो रखा है जिनको PF, DA मिल रहे थे उनका आकंडा दे रहा हूं, ना की आप और हम ध्याडी मजदूरों की उनकी मौजूदा स्थिति है कि 100 से 27 के पास से जाॅब चली गई। बात हमारी करे तो  स्थिति आपके सामने है।

इन सभी को देखते हुए देश के चोकीदार (मोदी जी), चोकीकारी करने देश लाॅकडाऊन में तीसरी बार रूबरू हुए और "भोली जनता हुंसार राजा का" खेल खेलते हुुए 20 लाख करोड़ (200000000000000) का पासा फेंका और बोला गया की आपको GDP का 10% दिया जायेेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का प्रकोप शुरु होने के बाद से अपने पांचवें राष्ट्र के नाम संबोधन में मंगलवार को कहा ऐलान किया कि उनकी सरकार आत्म निर्भर भारत अभियान के नाम से 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज लेकर आ रही है। इस पैकेज से देश की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई होगी, गरीबों, मजदूरों, मध्यम वर्ग, किसानों, छोटे और मझोले उद्योगों और टैक्स पेयर्स यानी कर दाताओं को मदद दी जाएगी। अपने भाषण के दौरान पीएम याद दिलाया कि पैकेज री रकम देश की जीडीपी के करीब 10 फीसदी के आसपास है। 2019-20 में देश की जीडीपी का आकार करीब 200 लाख करोड़ का था।

पीएम ने लोकल उत्पाद खरीदने की अपील की और साथ ही लोकल उत्पादों के प्रचार का भी आह्वान किया। उन्होंने बताया कि पैकेज में क्या-क्या होगा इस बारे में देश की वित्त मंत्री आने वाले दिनों में विस्तार से बताएंगी।

यह तो रही एक बात। लेकिन लोगों में इस बात को लेकर जिज्ञासा है और मन में सवाल की आखिर इस पैकेज में होगा क्या? पीएम ने तो साफ कह दिया कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए,इस पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून सभी पर बल दिया गया है। यानी सिर्फ नकदी नहीं होगी, कुछ भूमि होगी, कुछ कानून होंगे और कुछ नकदी होगी।

तो फिर आखिर इस नए पैकेज में है क्या?
हालांकि पीएम ने सबकुछ तो नहीं बताया लेकिन इतना जरूर कह दिया कि “हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।” इसका सीधा सा अर्थ है कि पीएम ने जिस 20 लाख करोड़ के पैकेज की बात की है, वह इतनी रकम का नहीं होगा, बल्कि इससे करीब 25-30 फीसदी कम होगा।

वह कैसे?
वह ऐसे कि पीएम ने साफ कहा कि आरबीआई जो भी वित्तीय फैसले ले चुका है वह भी इस पैकेज का हिस्सा होंगे। यहां ध्यान देना होगा कि रिजर्व बैंक सिर्फ मौद्रिक नीति का फैसला लेता है और वित्तीय नीति का फैसला पूरी तरह सरकार का होता है, ऐसे में रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक व्यवस्था के लिए घोषित उपायों को पैकेज का हिस्सा बनाना चौंकाता है।

अर्थशास्त्री और विशेषज्ञों का साफ कहना है कि सरकार के खर्च और वित्तीय फैसले और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदम न तो कभी एक जैसे होते हैं और न ही इस तरह कभी एक दूसरे से जोड़े गए हैं।

इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अमेरिका ने कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए 3 खरब डॉलर यानी 225 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। यह वह पैसा है जो अमेरिकी सरकार खर्च करेगी और इसमें अमेरिका के फेडरल रिजर्व के उपायों का कोई लेना-देना नहीं है।

इसका सीधा अर्थ है कि जिस 20 लाख करोड़ का जो राग देश के सामने प्रधानमंत्री ने रखा वह दरअसल 20 लाख करोड़ का तो नहीं होगा। तो फिर कितना होगा। इसे समझने के लिए कोरोना वायरस का संकट शुरु होने के बाद से रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों या उपायों को जानना जरूरी है। मोटे अनुमान के मुताबिक रिजर्व बैंक अब तक 5 से 6 लाख करोड़ रुपए के उपाय कर चुका है। इसके अलावा सरकार ने भी 26 मार्च को एक राहत पैकेज का ऐलान किया था जिसे 1.70 लाख करोड़ का बताया गया था। उन दोनों को मिला लें तो करीब 8 लाख करोड़ या 20 लाख करोड़ के करीब 40 फीसदी का ऐलान तो पहले ही हो चुका है। इस तरह अब बचते हैं सिर्फ 12 लाख करोड़।

और अगर सरकार ने आरबीआई के मौद्रिक तरलता यानी लिक्विडिटी उपायों को भी शामिल कर लिया तो सरकार की तरफ से खर्च होने वाला पैसा 12 लाख करोड़ से भ कम हो सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि आरबीआई ने हाल ही में लांग टर्म बांड की बात की, यानी करीब एक लाख करोड़ रुपए के लांग टर्म रेपो ऑपरेशन -एलटीआरओ की बात की थी जिससे बैंकिंग सिस्टम में तरलता आएगा। आरबीआई इसी तरह के एक लाख करोडे के एक और एलटीआरओ की बात कर रहा है।

आरबीआई के उपायों को क्यों नहीं माने पैकेज का हिस्सा?
तो एक सवाल यह भी बनता है कि आखिर आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों या उपायों को ओवरऑल आर्थिक पैकेज का हिस्सा क्यों नहीं माना जाना चाहिए?

इस जवाब है कि सरकार द्वारा सीधे खर्च को, वह दिहाड़ी या वेतन की सब्सिडी के रूप में हो या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर हो या किसी अस्पताल या सड़क या फैक्टरी जैसे किसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में लगे निर्माण मजदूरों को वेतन देने का खर्च हो, उससे अर्थव्यवस्था में गति आती है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह पैसा किसी न किसी रूप में लोगों तक पहुंचता है या तो वेतन के रूप में या फिर उसके द्वारा खरीदारी करने पर।

लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा कर्ज की शर्तों में नर्मी करना, यानी बैंकों को अधिक पैसा उपलब्ध कराना, ताकि वे अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाए रखने के लिए कर्ज दे सकें, उसे सरकारी खर्च नहीं माना जाता है। वह इसलिए क्योंकि संकट के समय में बैंक आरबीआई या किसी अन्य स्त्रोत से पैसे लेते हैं, और इसे कर्ज में देने के बजाय आरबीआई के पास रख देते हैं। इस समय भी ऐसा ही हो रहा है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि बैंकों ने रिजर्व बैंक के पास 8 लाख करोड़ रुपए रखे हुए हैं। इस तरह अगर सही मायनों में देखें तो रिजर्व बैंक ने राहत तो 6 लाख करोड़ की दी, लेकिन बदले में उसके पास 8 लाख करोड़ रुपए आ गए।

इस तरह आरबीआई और बैंकों के बीच तो पैसा तो इधर उधर हो रहा है, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाने के लिए खर्च नहीं किया जा रहा। ऐसे में सरकार के आर्थिक पैकेज का करीब आधा हिस्सा तो पहले ही सामने आ चुका है। अब सारी नजरें वित्त मंत्रालय पर हैं कि वह इस पैकेज का क्या खाका देश के सामने रखता है, और इससे किसे और कितनी और किस तरह की राहत मिलती है।

रविवार, 10 मई 2020

भारत चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए


भारत-चीन सीमा से लगने वाले सिक्किम सेक्टर के नाकू ला के पास भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीखी झड़प हो गई. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस घटना में दोनों तरफ के कई सैनिकों को मामूली चोटें भी आई हैं. उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद सैनिक अलग हो गए.


बातचीत के बाद मसला सुलझा लिया गया


खबरों के मुताबिक, दोनों ही तरफ के लगभग आधा दर्जन सैनिक घायल हुए हैं. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है. सूत्रों के मुताबिक बातचीत के बाद मसला सुलझा लिया गया है. एक सूत्र ने बताया, “सैनिक निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप परस्पर समझ से ऐसे मामलों को सुलझा लेते हैं. इस तरह की घटना काफी समय बाद हुई है.”

पहले भी कई बार हो चुकी है दोनों देशों के सैनिकोंं में झड़प

बता दें कि बीते साल भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर सामने आई थी. लद्दाख में पेंगोंग झील के पास भारतीय और चीनी सैनिकों में पेट्रोलिंग को लेकर टकराव हुआ था. दोनों के बीच धक्कामुक्की भी हुई थी जिसके चलते 'फेसऑफ' की स्थिति बन गई. बाद में दोनों देशों के ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत के बाद मामला सुलझा.



मालूम हो कि साल 2017 में इसी जगह के आसपास भारतीय और चीनी सैनिकों में जमकर मारपीट हुई थी. पेट्रोलिंग के दौरान भारतीय जवानों का सामना चीन के पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों से हुआ. इसी दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच बहस के बाद धक्का मुक्की शुरू हो गई 

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शनिवार, 9 मई 2020

मजदूर की बात जिंदगी के साथ

लगातार बढ़ रहे lockdown में गरीबो का सब्र ने भी अब उबाल मार लिया।
देश में lockdown starting के समय मजदूरों ने पलायन घरों की ओर किया और पैदल ही चल पडे 1200-1300km के सफर पर कहीयो ने जिंदगी को अलविदा कह दिया, तो कहीयो ने जिंदगी को डॉक्टर के हवाले कर दी।

लोकडाउन लगाना क्यों पड़ा?
जब से covid19 नाम की बीमारी से जानकारी हुई है तब से दुनिया में खोफ का माहौल बन गया है लोगों को फिर से लगने लगा है कि जिंदगी की कीमत पैसौ से नहीं आंकी जा सकती है, चीन से covid19 का संक्रमण शुरू होने के बाद ये बीमारी दुनिया के हर कोने में पहुंच गई। फिर हर देश के राज नायको को अपनी जनता के लिए फिक्रमंद होना पड़ा और लोगों को जनता कर्फ्यू के साथ ही लोकडाउन कर दिया गया।

Lockdown की अवधि 
मोदी सरकार ने जनता कर्फ्यू के बारे में जानकारी देते ही कुछ राज्य सरकारों ने लोकडाउन का फरमान जारी कर दिया। फिर मोदी सरकार ने 24 मार्च को देश व्यापी लोकडाउन का ऐलान करते हुए 21 दिन का लोकडाउन लगा दीया।
लोकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने वाला था कि देश के प्रधानमंत्री ने लोकडाउन को 3 मई तक बढाते हुए lockdown 2.0  का ऐलान कर दिया।
लोकडाउन की अवधि खत्म होने कि कगार पर पहुंचती, उससे पहले ही 1 मई को केन्द्र सरकार ने लोकडाउन के तीसरे चरण का ऐलान करते हुए lockdown 3.0 को 17 मई तक बडा़ दिया............

Lockdown की धज्जियां क्यों उड़ाई ?
लोकडाउन के 1st चरण में लोकडाउन कि धज्जियो कि खबर दिल्ली से ज्यादा आई पहले 2-3 दिन मजदूरों की घर वापसी के लिए सडकों पर आना।
फिर तबलिकी जमात   द्वारा आयोजित कार्यक्रम के द््वारा लोकडाउन की धज्जियाँ उड़ना शुरुआती कदम थे lockdown  धजिया  के। 
फिर देश के अलग अलग जगह से lockdown की बढती अवधि के साथ मजदूरों ने अपने गावों के रास्ते खोजने तैयार कर लिये। जब मजदूरों को सडकों से नहीं आने दिया तो रेल की पटरी का सहारा लेना पड़ा। 

➡️फिर राज नायको ने सबसे बड़ा फैसला लिया हमारी जिंदगी से खेलने का फैसला। 
लोकडाउन के सारे नियम फैल करके शराब के ठेके खोलने के आदेश दिया और 70%टैक्स बड़ा कर राज्य सरकारें कमाई करने लग  गई।
👉1.क्या शराब के ठेके पर संक्रमित होने का खतरा नही है ?
👉2.क्या शराब पीने से कोरोना नही होता?
👉3.क्या राज्य सरकारों के पास कमाई का एक मात्र स्रोत शराब है?
इन सवालों के जवाब देने से पहले आपको बताते चलें कि राज्य सरकारों ने बार्डर को सील करना वापिस शुरू कर दिया।


शनिवार, 2 मई 2020

Collage 1st year और 2nd year students के

UGC के बाद AICTE ने जारी किया कैलेंडर, कॉलेजों को दिए 7 निर्देश

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने भी संबद्ध कॉलेजों के लिए नया कैलेंडर जारी कर दिया है। साथ ही कॉलेजों को 7 अहम दिशानिर्देश भी दिए गए हैं।

यूजीसी (UGC) के बाद अब ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने भी नये शैक्षणिक सत्र के लिए कैलेंडर जारी कर दिया है। साथ ही संबद्ध कॉलेजों / संस्थानों को 7 जरूरी दिशानिर्देश भी दिए गए हैं।
इस संबंध में एआईसीटीई ने नोटिस जारी कर दिया है। इसमें लिखा है कि बताए गए दिशानिर्देशों का पालन न करने पर संबंधित संस्थान के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
ऐसा है AICTE का कैलेंडर
अभी जो स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं, उनके नये सत्र के क्लासेस शुरू होने की तारीख – 1 जुलाई 2020
रिफंड के साथ सीट रद्द करने की अंतिम तारीख – 25 जुलाई 2020
विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन की अंतिम तारीख – 31 जुलाई 2020
नये स्टूडेंट्स के लिए नये सत्र की क्लासेस की शुरुआत – 1 अगस्त 2020 से
ओपन / डिस्टेंस लर्निंग कोर्सेज में एडमिशन की अंतिम तारीख – 15 अगस्त 2020 और 15 फरवरी 2021
ये भी पढ़ें : UGC ने दिए हैं ये 8 निर्देश, जानें आपको क्या फायदे
ये हैं 7 अहम दिशानिर्देश
1. शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए कोई भी संस्थान एडमिशन या अन्य फीस नहीं बढ़ाएगा।
2. संस्थान चाहें तो एआईसीटीई के बताए कैलेंडर के अनुसार ऑनलाइन मोड पर क्लासेस शुरू कर सकते हैं। बाद में हालात सामान्य होने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) द्वारा नोटिफिकेशन जारी होने के बाद फेस टू फेस क्लासेस पर शिफ्ट हो सकते हैं।




3. अगर 2019-20 सत्र के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स की परीक्षाएं लॉकडाउन से पहले नहीं ली गई हैं, तो 29 अप्रैल 2020 को यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार उन्हें आगे प्रमोट किया जा सकता है।
4. लॉकडाउन के कारण कई संस्थान / विवि यूजी कोर्सेज के फाइनल एग्जाम नहीं करा पाए हैं। ऐसे संस्थानों के स्टूडेंट्स को भी प्रोविजनल एडमिशन दिया जा सकता है। हालांकि ऐसे स्टूडेंट्स को 31 दिसंबर 2020 तक ग्रेजुएशन पूरा होने का प्रमाण देना होगा।
5. रेड जोन (Red Zone) में या कोरोना वायरस हॉटस्पॉट्स (Coronavirus hotspots) के नजदीक स्थित संस्थान हालात का ध्यान रखते हुए नया शैक्षणिक सत्र शुरू कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें : CUCET 2020: एक एग्जाम से 18 यूनिवर्सिटीज में एडमिशन का मौका, देखें लिस्ट
6. संस्थानों को सभी स्टूडेंट्स और स्टाफ की कोरोना वायरस से सुरक्षा का ख्याल रखना है। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाने होंगे।
7. सभी संस्थानों से काउंसिल की अपील है कि कोविड-19 से लड़ने और प्रभावित परिवारों की मदद करने में आगे आएं।
नोट – ये कैलेंडर व दिशानिर्देश फिलहाल एआईसीटीई से संबद्ध प्रबंधन संस्थानों के लिए जारी हुए हैं। कैलेंडर पीजीडीएम व पीजीसीएम (PGDM / PGCM) कोर्सेज पर लागू होगा।

रविवार, 12 अप्रैल 2020

फ्री सिलेंडर, जनधन खाते में रुपये आये है या नही देखो अपने Mobile से देखों !


https://youtu.be/fbdZGRJK35k
लॉकडाउन के बाद विभिन्न योजनाओं के तहत मजदूरों, किसानों, महिला जनधन खाताधारकों में डीबीटी के माध्यम से पैसा भेजा जा रहा है। फ्री GAS Cylinder के रूपये Bank Account में आ रहे है  हैरानी की बात है कि लोग इस धनराशि की जानकारी के लिए बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। जिससे बहुत ज्यादा भीड़ एकत्र हो रही है....
ऐसे में अब Bank प्रशासन खाताधारकों के लिए अपने खाते की डिटेल की जानकारी लेने के लिए बैंकवार नंबर जारी किए हैं। इन नंबर पर मिस कॉल कर खाताधारक अपने खाते में धनराशि की स्थिति जान सकेंगे। एलडीएम कार्तिकेय कुमार ने बताया कि बैंकों में ग्राहक सेवा का समय पूर्व के समयानुसार 10 बजे से कर दिया गया है। पैसा ट्रांसफर होने पर सभी को संदेश भेजा जाएगा। अपने खाते में Balance जानने के लिए बैंक ग्राहक को बैंक जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि घर बैठकर अपने रजिस्टर्ड Mobile Number से खाताधारक अपने balance की जानकारी कर सकते हैं...
Bank का नाम बैलेंस जानने के लिए जारी किए नंबर
https://youtu.be/fbdZGRJK35kHirawatiwale
Canara Bank 09015483483, 09015734734
State Bank OF iNDIA 09223766666, 1800112211
Punjab National Bank 18001802222, 18001802223
Bank OF Maharashtra 9222281818
axix bank 1860004195555
Punjab And Sind Bank 7039035156
Yuko Bank 9278792787
Bank Of india 9015135135
icici bank 18601207777
indian bank 9289592895
Oriental Bank Of COMMERCE 180018001235, 18001021235
HDFC Bank 18002703333, 18002703355
कारपोरेशन बैंक 9268892688
आईडीबीआई 18008431122
यस बैंक 9223920000
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 922308586
यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया 09015431345
bank of baroda 8468001111
Allahabad bank 9224150150
Gramin bank of Aryavart 05222398874

आवास

य योजना है प्रधानमंत्री आवास योजना। इसे PMAY के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना का मुख्‍य आकर्षण इससे मिलने वाली सब्सिडी है। योजना के अंतर्...